भारत में प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी आज 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाया जाता जा रहा है,आज के दिन ही आजाद भारत के पहले फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा (kodandera madappa cariappa) ने ब्रिटिश हुकूमत के अंतिम कमांडर जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना का कार्यभार अपने हाथों मे लिया
आज राजधानी दिल्ली के साथ साथ देश के सभी सेना मुख्यालयों मे सेना दिवस के उपलक्ष मे देश के बहादुर सेनानियों को याद किया जा रहा है,तथा साथ ही देश की रक्षा के अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले सभी जवानों को याद कर अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी जा रही है ।
कोन थे फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा
फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा का जन्म 28 जन 1899 को कर्नाटक के एक किसान परिवार मे हुआ था , फील्ड मार्शल की उपाधि दिए जाने वाले स्वतंत्र भारत के पहले अधिकारी केएम करिअप्पा ही थे, जिन्हे यह उपाधि दी गई थी । उन्होंने साल 1947 में भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था।
फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा का सैन्य कार्यकाल
मात्र 21 वर्ष की उम्र मे उन्हे 88वीं कर्नाटक पैदल सेना (इन्फैंट्री) की दूसरी बटालियन में अस्थायी सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया था
केएम करिअप्पा ने 1947 के भारत पाकिस्तान युद्ध में पश्चिमी सेना का नेतृत्व किया था
आजादी के समय दोनों देशों की सेनाओ के बंटवारे की जिम्मेदारी भी केएम करिअप्पा को सौंपी गई थी
15 jan 1949 को स्वतंत्र भारत के पहले सेनाध्यक्ष के रूप मे नियुक्त किया गया
1953 मे भारतीय सेना के रिटायर हो गए