जैसे जैसे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का समय नजदीक आता जा रहा है वैसे ही इस मुद्दे पर राजनीति भी चरम पर पहुंचने लगी है ,जहां एक तरफ बीजेपी इस मुद्दे को हिंदुओ से जोड़कर हिंदू वोटो को पक्का कर रही है वही समाजवदी पार्टी एक बड़े नेता ने तत्कालीन समाजवादी मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के 30 अक्टूबर तथा 3 नवंबर को निहत्थे कारसेवकों पर चलाई गई गोलियों के फैसले का समर्थन किया है।
इससे पहले सपा के एक और बड़े नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी कारसेवकों पर चलाई गोलियों का समर्थन कर चुके है।
कब चली कारसेवकों पर गोली:-
30अक्टूबर तथा 3 नवंबर को हजारों कारसेवकों पर गोली चलाई गई,
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार लखनऊ से आदेश आने के बाद पुलिस ने भीड़ पर गोलियां चलाई जिससे लोगों में भगदड़ मच गई,जिससे कई कार सेवकों की जान गई
उमा भारती और अशोक सिंघल जैसे नेता भीड़ की आगवानी कर रहे थे तथा 48 घण्टे में दूसरी बार 2नवंबर को पुनः कार सेवकों पर गोलियां चलाई गई।
गोलीकांड के बाद पूरी अयोध्या में आगजनी ओर प्रदर्शन शुरू हो गए,हजारों की संख्या में महिलाएं भी तत्कालीन सपा सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आई।
2नवंबर को मारे गए कारसेवकों का अंतिम संस्कार 04 नवंबर को किया गया तथा उनकी राख देश के सभी हिस्सों में भेजी गई।
“जब तक मुलायम की सत्ता कायम है तब तक मस्जिद नही गिरेगी”:मुलायम सिंह यादव
क्या कहा अब भाई शिवपाल यादव ने :-
समाजवादी पार्टी के विवादित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद एक और बड़े नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के भाई शिवपाल सिंह यादव ने भी अयोध्या के हनुमानगढ़ी में निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलाने की घटना को सही बताया है. शिवपाल सिंह यादव ने तत्कालीन सपा की मुलायम सरकार का बचाव करते हुए कहा, संविधान को बचाने के लिए कारसेवकों पर गोली चलवाई गई थी.आगे उन्होंने कहा, माननीय कोर्ट का आदेश था की यथास्थिति को बनाए रखा जाए ,जब भीड़ द्वारा आदेश का उल्लंघन किया गया तो इस पर कार्रवाई की गई थी.
क्या आप जानते है कोन होते है कारसेवक:-
कारसेवक का अर्थ है जिसने अपना श्रम दान किया हो या अपने श्रम से सेवा की हो ,कर ओर सेवा को अगर अलग अलग किया जाए तो कर का अर्थ होता है श्रम ओर सेवा होती है”निस्वार्थ भाव” ।
कोठारी बंधु,अयोध्या गोली कांड
30 अक्टूबर तक एक सप्ताह के अंदर अयोध्या में लगभग लाखों की संख्या में कारसेवक पहुंच गए थे. सभी कारसेवक इक्कठे होकर विवादित स्थल की और बढ़ने लगे,अयोध्या में लगे कर्फ्यू के बीच 30 अक्टूबर सुबह चारों दिशाओं से बाबरी मस्जिद को घेर लिया गया,कारसेवकों का नेतृत्व कर रहे बड़े नेता अशोक सिंघल, उमा भारती, विनय कटियार भी भीड़ के साथ आगे बढ़ने लगे। पूरे अयोध्या शहर में यूपी पुलिस के लगभग 30 हजार जवान तैनात किए गए थे , इसी दिन बाबरी मस्जिद के गुबद पर 20 वर्षीय शरद कोठारी तथा 23 वर्षीय रामकुमार कोठारी नाम के भाइयों ने भगवा झंडा फहरा दिया था जबकि इसके दो दिन बाद ही दोनो भाइयों की गोली लगने के कारण मृत्यु हो गई थी।गु