समान नागरिक संहिता (UCC) एक सामाजिक मसलों से संबधित कानून है ,यह कानून सभी धर्म के अनुयायियों के लिए विवाह,बहुविवाह,तलाक,भरण पोषण,विरासत ,बच्चा गोद लेने,आदि मामलों मे एक समान रूप से लागू होगा
दूसरे शब्दों मे अगर समझा जाए तो सभी प्रकार के धर्मों के लिए एक कानून का होना ही समान नागरिक संहिता (UCC) की मूल भावना है
विधानसभा सत्र बुलाकर उत्तराखंड मे जल्द लागू होगा समान नागरिक संहिता कानून (UCC)
मुख्यमंत्री धामी द्वारा मुख्य सेवक सदन मे एक सभा को संबोधित करते हुए बताया की UCC ड्राफ्टिंग कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि हमने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. ड्राफ्टिंग कमेटी की रिपोर्ट मिलने बाद जल्द विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा जिसमे इसकी प्रक्रिया को पूर्ण करके इस कानून को प्रदेश मे लागू किया जाएगा मुख्यमंत्री धामी द्वारा कहा गया की उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाना हमारी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है ओर हम जल्द ही इस कानून को अमलीजामा पहनाएंगे
5 मुख्य वजह जिसके कारण लागू होगा यूनिफॉर्म सिवल कोड(UCC)
1.यूनिफॉर्म सिवल कोड राज्य के सभी नागरिकों के मध्य एक सम्मान पहचान ओर अपनेपन की भावना को प्रगाढ़ करेगा,जिससे धर्मनिरपेक्षता तथा राष्ट्रीय अखंडता को बल मिलेगा
2.राज्य मे लागू विभिन्न प्रकार के कानूनों के कारण पैदा होने वाले सांप्रदायिक तनाव तथा भेदभाव के मामलों मे कमी आएगी
3. विभिन्न प्रकार के पर्सनल lows के अंतर्गत महिलाओं से होने वाले भेदभाव जैसे विवाह,तलाक,बहुविवाह ,गोद लेने, भरण पोषण आदि मामलों मे सभी धर्म की महिलाओं को एक समान अधिकार मिलेगा
4. समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिवल कोड)सभी प्रकार की पुरानी कुप्रथाओं को समाप्त करने मे सहायक होगा
5. यह कानून पूर्व मे लागू विभिन्न कानूनों मे विरोधाभास तथा जटिलताओं को दूर करके कानूनी कार्यप्रणाली को अधिक सरल बनाते हुए आमजन के लिए सुविधाजनक बनाएगा
यूनिफॉर्म सिवल कोड पर क्या था सविधान निर्माता बी आर अम्बेडकर तर्क
मैं व्यक्तिगत रूप से समझ नहीं पा रहा हूं कि किसी धर्म (मजहब) को यह विशाल, व्यापक क्षेत्राधिकार क्यों दिया जाना चाहिए। ऐसे में तो धर्म, जीवन के प्रत्येक पक्ष पर हस्तक्षेप करेगा और विधायिका को उस क्षेत्र पर अतिक्रमण से रोकेगा। यह स्वतंत्रता हमें क्या करने के लिये मिली है? हमारी सामाजिक व्यवस्था असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी है। यह स्वतंत्रता हमे इसलिये मिली है कि हम इस सामाजिक व्यवस्था में जहाँ हमारे मौलिक अधिकारों के साथ विरोध है वहाँ वहाँ सुधार कर सकें।– बी आर अम्बेडकर
पाकिस्तान मे लागू है एक समान नागरिक संहिता (UCC)
आपको जानकर आश्चर्य होगा की हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान सहित विश्व के अधिकतर देशों मे UCC जैसे काननों लागू है ,इनमे बांग्लादेश ,मलेशिया ,अमेरिका ,इंडोनेशिया जैसे देश शामिल है ,जबकि भारत की बात करें तो यहाँ अभी भी कानून धर्म के आधार पर आधारित है भारत मे हिन्दू ,सिख ,जैन ,बौद्ध धर्म के नागरिकों के लिए अलग कानून है ,तथा वहीं मुस्लिम व ईसाई धर्म के लिए अलग कानून है,मुस्लिम संप्रदाय के लोगों का कानून “शरीयत“ पर आधारित है
भारत का एकमात्र राज्य जहां लागू है एकसमान नागरिक संहिता
गोवा ही भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां 1961 मे पुर्तगाली शासन से स्वतंत्र होने के बाद सामान्य पारिवारिक कानून को बनाए रखा गया ,जिसे गोवा नागरिक संहिता (GOA CIVIL CODE) के नाम से जाना जाता है